
हिन्दी जगत के लिये खुशखबरी, मोज़िला वालों ने आखिर अपने नये संस्करण फॉयरफाक्स-३ में हिन्दी की रेन्डरींग सही कर ली। अभी यह संस्करण उपलब्ध नहीं है, पर डेवलपर वर्जन ग्रैन पैराडिजो अल्फा वन टेस्टिंग के लिए उपलब्ध है। मैंने अभी अभी इसे इन्स्टाल किया है, और नारद को खोलते ही सही हिन्दी रेन्डरींग देखकर खुशी से उछल पडा।
इन्टरनेट एक्सप्लोरर तो हमेशा से हिन्दी के साथ मित्रवत रहा है, पर अगर कम्प्यूटर में हिन्दी समर्थन सक्षम ना किया गया हो तो फॉयरफाक्स में परेशानी होती थी। मेरे कॉलेज के इन्टरनेट सेंटर में यह समस्या हमेशा मुझे परेशान किया करती थी। अब कम से कम एडमिनिस्ट्रेटिव एकाउण्ट के बिना भी किसी भी कम्प्यूटर पर हिन्दी का उपयोग किया जा सकता है। फायरफाक्स में प्लग इन्स के माध्यम से हिन्दी IME डाल कर आराम से हिन्दी लिखी भी जा सकती है।
फॉयरफाक्स-३ के पूर्ण संस्करण के आने में अभी कुछ समय लग सकता है। लेकिन इतना तो पक्का है कि अब आगे से यह हिन्दी से पंगा नहीं करेगा। दिनोंदिन फायरफाक्स की बढती लोकप्रियता के साथ इसका हिन्दी सपोर्ट ना होना हिन्दी के सुगम प्रयोग में अवरोधक था। इस बारे में विस्तार से शायद ई-पण्डितजी बतायें।
चलिये आप भी प्रयोग कर के देख लीजीए।
15 टिप्पणियां:
जस्टीफाय हिन्दी अगर सही दिखाने लगे तो बल्ले बल्ले हो जाये.
बढ़ीया है.
शुक्रिया जानकारी देने के लिए।
बहुत अच्छी सूचना है.
मेरा छोटा बेटा पता नहीं क्यों सिर्फ फायरफोक्स ही प्रयोग करता है और मुझसे हमेशा शिकायतें ही करता रहता है. आज ही उसे बताता हूं.
चलो, यह बढ़िया हो गया. शुक्रिया जानकारी देने के लिये.
बहुत अच्छी खबर! इत्ते दिनो पहले फायरफाक्स वालों को कहा गया था, अब जाकर सुनी है, चलो अच्छी बात है, आलोक भाई की मेहनत सफ़ल हुई।
मैथिली जी, तकनीकी लोग फायरफाक्स या ओपेरा ही प्रयोग करेंगे, आईई नही, क्यो? अरे भाई, बिल्लू के ब्राउजर मे इतने रिस्क जो है। फायरफाक्स मे कुछ खामियां है, लेकिन हर चीज का एक्स्टेन्शन मिल जाता है, आईई के एड-आन, माशा अल्लाह है।
यह तो वाकई मे बढिया खबर है !
हाँ, अब फ़ॉयरफ़ॉक्स हर तरह की हिन्दी - बल्कि कॉम्प्लेक्स इंडिक भाषा को सही दिखाएगी. बहुत दिनों से यह फ़ॉयरफ़ॉक्स की टू डू सूची में सम्मिलित था.
शुक्रिया जानकारी देने के लिये.
हिन्दी और मुक्त-स्रोत साफ़्टवेयरों के विकासाकाक्षियों के लिये निश्चित ही यह आह्लादकारी समाचार है।
ये तो बहूत सही है
अच्छी जानकारी है।
आ गया पटाखा हिन्दी का
अब देख धमाका हिन्दी का
दुनिया में कहीं भी रहनेवाला
खुद को भारतीय कहने वाला
ये हिन्दी है अपनी भाषा
जान है अपनी ना कोई तमाशा
जाओ जहाँ भी साथ ले जाओ
है यही गुजारिश है यही आशा ।
NishikantWorld
जानकर अच्छा लगा. धन्यवाद!
Tuesday, November 28, 2006
बहुत दिनों से हिन्दी ब्लॉग लिखने की इच्छा थी। लेकिन पता नहीं था कि शुरुआत कैसे करुं, आज ऐसे ही नेट पर घूमते घुमते मैं सर्वज्ञ की साइट पर जा पहुंचा। कुछ लोगों को हिन्दी के लिये काम करते हुए देखकर अच्छा लगा। अक्सर लोग हिन्दी को कम्प्यूटर के लिये उपयुक्त नहीं मानते, लेकिन कई अन्य भाषाओं का, जो रोमन लिपि में नहीं लिखी जातीं, प्रयोग प्रचलन मे है। मंदारिन और जापानीज लिपि अपेक्षाक्रित अधिक क्लिष्ट हैं, पर हिन्दी की अपेक्षा ज्यादा प्रचलित है। चालीस करोड लोगों की मातृभाषा होते हुए भी हिन्दी का पिछडापन दयनीय है।
विशाल बस ऐसे ही अपनी पोस्ट पर पुरानी टिप्पणियों के जरिए आपके ब्लॉग तक पहुंचा तो आपके एक ब्लॉग पर ये लिखा मिला। पढ़कर अच्छा लगा लेकिन, जब आपके हिंदी ब्लॉग पर आया तो, आखिरी पोस्ट 2007 की दिखी। अब आप अपने सवाल का जवाब पा गए होंगे।
Imandari ki kamai moti hoti hai...
exam me full lane ki ummeed choti hoti hai ...
naye dost chahe jitne bhi bana do ..
Purane kamino ki baat hi kuch aur hoti hai ...
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